रायपुर. 2 मार्च 2024 // उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव और उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री लखन लाल देवांगन आज कोरबा के बुधवारी स्थित आदिवासी समाज के शक्तिपीठ के 14वें स्थापना समारोह में शामिल हुए। उन्होंने आदिवासी शक्तिपीठ में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली और तरक्की के लिए आशीर्वाद मांगा। इस दौरान परिसर में 45 लाख 84 हजार रुपए की लागत से निर्मित डोम का लोकार्पण भी किया गया।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि यह आदिवासी समाज के लिए गौरव की बात है कि आज समाज की महिला देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर है। आदिवासी समाज के लिए यह भी गौरव की बात है कि उनके समाज से आने वाले श्री विष्णु देव साय जो कि बहुत सीधे-सादे, सरल और सज्जन हैं, अपनी काबिलियत और परिश्रम के बल पर गांव के एक पंच से लेकर सांसद और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने। समाज को ऐसे महान विभूतियों से प्रेरणा मिलती है।
श्री साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार आदिवासी समाज सहित सभी समाज को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। सरकार का ध्येय है कि हर व्यक्ति के हाथ में काम हो, उन्हें रहने के लिए पक्का मकान मिले और योजनाओं के माध्यम से गरीब परिवार आर्थिक रूप से समृद्ध बने। सरकार द्वारा आदिवासी समाज के विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़ने तथा उनका भविष्य गढ़ने की दिशा में काम किया जा रहा है। सभी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए भी कार्य किया जा रहा है। आदिवासी समाज अपनी मेहनत और परिश्रम से आगे बढ़ रहा है।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें विश्व के प्रथम आदिवासी शक्तिपीठ में आने और आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर मिला। उन्होंने प्रदेश में खुशहाली तथा सबके जीवन में खुशी और तरक्की के लिए कामना भी की है। उप मुख्यमंत्री ने शक्तिपीठ स्थल पर डोम के लोकार्पण की सबको बधाई देते हुए कहा कि यह डोम समाज को एक साथ जोड़ने और उन्हें आगे बढ़ाने की दिशा में कारगर साबित होगा। कार्यक्रम में समाज के संरक्षक श्री मोहन प्रधान ने समाज द्वारा युवाओं को नशापान से दूर रहने किए जा रहे प्रयास की जानकारी दी। विधायक श्री प्रेमचंद पटेल, महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद, जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, पूर्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, श्री ननकीराम कंवर और आदिवासी समाज के श्री शिवनारायण सिंह कंवर सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण और आदिवासी समाज समाज के लोग उपस्थित थे।